1. छात्रवृत्ति योजनाएं:-
(i) कक्षा 1 से 10 तक अध्यनरत् छात्र/छात्राओं को छात्रवृति
(राज्यपोषित)
अल्पसंख्यक समुदाय के कक्षा 1 से 10 में अध्ययनरत् ऐसे छात्र/छात्राऐं जिनके
अभिभावकों की आय गरीबी रेखा के लिये निर्धारित आय सीमा के दोगुने से अधिक नहीं हो,
को छात्रवृति प्रदान किये जाने का प्राविधान है।
छात्रवृत्ति के मानक |
अवधि (अधिकतम) |
कक्षा |
दर
प्रतिमाह |
1-5 |
50/- |
12 माह |
6-8 |
80/- |
12 माह |
9-10 |
120/- |
12 माह |
(ii)
कक्षा 1 से 10 तक अध्यनरत् छात्र/छात्राओं को छात्रवृति (केन्द्रपोषित)
यह छात्रवृति उन छात्र/छात्राओं को दी जाती है जिन्होने पिछली परीक्षा में कम से कम
50 प्रतिशत अंक प्राप्त किये तथा अभिभावक की वार्षिक आय 1.00 लाख से अधिक न हों।
Item |
Hostellers |
Day Scholars |
Admission fee from class VI to X |
Rs.500/-p.a. subject to actuals. |
Rs.500/- p.a. subject to actuals. |
Tuition fee from class VI to X |
Rs.350/- p.m. subject to actuals. |
Rs.350/- p.m. subject to actuals. |
|
Maintenance allowance will be payable for a period not exceeding 10
months in an academic year. |
(i) Class I to V |
Nil |
Rs. 100/- p.m. |
(ii) Class VI to X |
Rs. 600/-p.m. subject to actuals. |
Rs. 100/-p.m. |
(iii) अल्पसंख्यक छात्रों हेतु दशमोत्तर छात्रवृत्ति (केन्द्रपोषित):-
अल्पसंख्यक वर्ग के ऐसे छात्र/छात्राऐं, जिनके अभिभावकों की कुल वार्षिक आय 2.00
लाख से अधिक न हो तथा किसी शासकीय/मान्यता प्राप्त काॅलेज/संस्थान से कक्षा 11 से
पी0एच0डी0 स्तर तक की शिक्षा प्राप्त कर रहे हो, को छात्रवृत्ति दिये जाने का
प्राविधान है। कक्षा 11 एवं 12 के छात्रों को रू0 7000/-प्रतिवर्ष, तकनीकी तथा
व्यवसायिक शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्रों को 10000/- प्रतिवर्ष, स्नातक तथा
स्नातकोत्तर स्तर की शिक्षा प्राप्त कर रहे छात्रों को 3000/- प्रतिवर्ष दिये जाने
का प्राविधान है। एम.फिल तथा पी.एच.डी के छात्रों को 510/-प्रतिमाह तक की छात्रवृति
दी जाती है। इसके अतिरिक्त अलग से मेन्टीनेंश एलाउन्स भी दिया जाता है।
(iv) अल्पसंख्यक छात्रों हेतु मैरिट-कम-मीन्स आधारित छात्रवृत्ति (केन्द्रपोषित):-
भारत सरकार द्वारा अल्पसंख्यक वर्ग के ऐसे छात्र/छात्राएं, जिनके अभिभावकों की कुल
आय 2.50 लाख (वार्षिक) से अधिक न हों, जो किसी शासकीय/मान्यता प्राप्त संस्थान से
स्नातक एवं स्नातकोत्तर स्तर के प्राविधिक एवं व्यवसायिक कोर्स में अध्ययनरत् हैं,
को छात्रवृति के रूप में हाॅस्टलर को 10000/- तक प्रतिवर्ष तथा डेस्कालर को 5000/-
एवं कोर्स फीस के रूप में अधिकतम 20000/- तक दिये जाने का प्राविधान है। उपरोक्त
केन्द्रपोषित छात्रवृति योजनाओं की अधिक जानकारी बेवसाइट
https://www.scholarships.gov.in/
पर लॉगइन कर प्राप्त की जा सकती है।
2. मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक प्रोत्साहन योजना
विभिन्न प्रतिष्ठित प्रतियोगी परीक्षाओं में अल्पसंख्यकों का प्रतिनिधित्व बढ़ाये
जाने हेतु तथा अल्पसंख्यक छात्र/छात्राओं को प्रोत्साहित किये जाने हेतु मुख्यमंत्री
अल्पसंख्यक प्रोत्साहन योजना प्रारम्भ की गयी है, जिसके अन्तर्गत छात्र/छात्राओं को
निम्न प्रकार धनराशि उपलब्ध कराये जाने की व्यवस्था की गयी हैः-
1. अखिल भारतीय सिविल सेवा परीक्षा की प्रारम्भ परीक्षा उत्तीर्ण करने पर मुख्य
परीक्षा की तैयारी हेतु
75,000
तथा मुख्य परीक्षा उत्तीर्ण करने पर साक्षात्कार की
तैयारी हेतु 25,000
2. उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित की जाने वाली सिविल सेवा परीक्षा, उच्च
न्यायिक सेवा एवं प्रान्तीय सिविल सेवा (न्यायिक) की प्रारम्भिक परीक्षा उत्तीर्ण
करने पर मुख्य परीक्षा की तैयारी हेतु
`60,000
तथा मुख्य परीक्षा उत्तीर्ण करने पर
साक्षात्कार की तैयारी करने पर
20,000
दिये जाने की व्यवस्था है।
3.
IITs, IIMs, की प्रवेश परीक्षा में सफल होने पर
60,000 तथा
AIIMS, IIS, IISAR, MCI, NITs, BCI
की प्रवेश परीक्षा में सफल होने पर रू0
50,000 की धनराशि दिये जाने की व्यवस्था की गयी है।
यह राशि अल्पसंख्यक समुदाय के उन सफल अभ्यर्थियों को स्वीकृत की जायेगी, जिनके
माता-पिता/अभिभावकों की वार्षिक आय 4.50 लाख रुपये से अधिक न हो।
4. अल्पसंख्यक समुदाय के परिवारों की मेधावी छात्राओं की शिक्षा हेतु विशेष अनुदान।
परीक्षा का स्तर |
60
प्रतिशत या अधिक प्राप्तांक पर देय धनराशि रू0 में |
70
प्रतिशत या अधिक प्राप्तांक पर देय धनराशि रू0 में |
80
प्रतिशत या अधिक प्राप्तांक पर देय धनराशि रू0 में |
हाईस्कूल या मुंशी या
मौलवी |
10,000 |
15,000 |
20,000
|
इण्टरमीडिएट या आलिम |
15,000 |
20,000 |
25,000
|
|
|
|
|
ऐसी बालिका जिन्होनें उत्तराखण्ड माध्यमिक शिक्षा बोर्ड/उत्तराखण्ड मदरसा बोर्ड की
हाई स्कूल एवं इण्टरमीडिएट परीक्षा/मुन्शी, मौलवी तथा आलिम 60प्रतिशत से अधिक अंक
से उत्तीर्ण की है, को निम्न प्रकार वित्तीय सहायता उपलब्ध करायी जा रही हैः-
4. अल्पसंख्यक विकास निधि की स्थापनाः-
अल्पसंख्यक क्षेत्रों में उनकी
माँग के अनुरूप अवस्थापना सुविधाऐं उपलब्ध कराने,
आर्थिक/शैक्षिक विकास करने हेतु 4.00करोड़ से अल्पसंख्यक विकास निधि की स्थापना की
गयी है।
5. अल्पसंख्यक बाहुल्य क्षेत्रों में अवस्थापना संबंधी निर्माण कार्य/कब्रिस्थानों
की चाहरदिवारी
योजनान्तर्गत प्रदेश के वक्फ के तहत पंजीकृत कब्रिस्तानों और अन्य चिन्हित
कब्रिस्तान और ईसाई समुदाय की सीमेटरी की चाहर दिवारी का कार्य करवाये जाने की योजना
को राज्य सरकार द्वारा निर्धारित किया गया है। कब्रिस्थानों की चाहर दिवारी का
कार्य पूर्ण होने पर उक्त सम्पत्तियों की अवैध अतिक्रमण से सुरक्षा होगी।
5. प्रधानमंत्री जनविकास कार्यक्रम (90% के0स0)
-
वित्तीय वर्ष 2018-19 में एम.एस.डी.पी योजना का नाम परिवर्तित करते हुये इसका नया
नाम प्रधानमंत्री जनविकास कार्यक्रम कर योजना की गाइडलाईन में भी परिर्वतन किया गया
है।
-
प्रधानमंत्री जनविकास कार्यक्रम योजना के अन्तर्गत 2 जिला मुख्यालय (उधम सिंह नगर
एवं हरिद्वार), 15 ब्लाॅक (3 वन ग्राम सहित) तथा 5 शहर अर्थात कुल 22 यूनिट
चिहिन्हत की गयी
है।
-
प्रधानमंत्री जनविकास कार्यक्रम के अन्तर्गत मुख्य रूप से शिक्षा, स्वास्थ्य,
स्किल डवलेपमेन्ट, नवाचारी कार्यक्रम, सदभाव मण्डप, आवासीय विद्यालय, स्मार्ट क्लास
सुविधा, हुनरहब, मार्केटशेड, अतिरिक्त कक्षा कक्ष/वर्कशाॅप, आई.टी.आई, पोलोटेक्निक,
डिग्री काॅलेज, हाॅस्टल आदि कार्य चिन्हित किये गये है। एस.पी.क्यू.ई.एम योजना से
आच्छादित मदरसों में भी इन्टीग्रेटेड आई.टी.सिस्टम के साथ इन्टेªक्टिव वाईट बोर्ड
तथा आधुनिक तकनीकी से शिक्षा दिये जाने हेतु साॅफ्टवेयर, मदरसों में कम्प्यूटर
उपलब्ध कराये जाने की व्यवस्था भी की गयी है।
(अ) अल्पसंख्यक कल्याण तथा वक्फ विकास निगम की
योजनाएं:-
1) अल्पसंख्यक स्वरोजगार योजना:- इस योजना के अन्र्तगत रू0 20 हजार से रू0 10.00
लाख तक का ऋण योजना राष्ट्रीयकृत बैकों/सहकारी बैंकों/ग्रामीण
बैंकों के माध्यम से
दिया जायेगा। जिसमें योजना का 60 प्रतिशत बैंक ऋण व 25 प्रतिशत अनुदान निगम द्वारा
दिया जाता है, शेष 15 प्रतिशत लाभार्थी द्वारा स्वयं वहन किया जाता है। लाभार्थी का
चयन जिला स्तर पर चयन समिति के माध्यम से किया जाता है। योजना हेतु पात्र अभ्यार्थी
की उम्र 18 वर्ष से 55 वर्ष के मध्य होनी चाहिये।
2) मुख्यमंत्री हुनर योजना:- इस योजनाओं के अन्तर्गत प्रशिक्षण प्राप्त करने हेतु
प्रशिक्षार्थियों की आयु 18-45 वर्ष होनी चाहिये। प्रशिक्षार्थी की शैक्षिक योग्यता
पारम्परिक प्रशिक्षण हेतु कम से कम पांचवी/साक्षर होना चाहिये। प्रार्थी की शिक्षा
राजकीय स्कूलों से हुई हो अथवा मदरसों से दोनों मान्य होगीं। जबकि सूचना
प्रौद्योगिकी के व्यवसायों के प्रशिक्षण हेतु शैक्षिक योग्यता कम से कम हाईस्कूल
उत्तीर्ण होना चाहिये। प्रार्थी के परिवार की वार्षिक आय ग्रामीण क्षेत्र में रू0
3,50,000 एंव शहरी क्षेत्र में रू0 4,50,000 तक होनी चाहिये। प्रार्थी उत्तराखण्ड
का स्थायी निवासी होना चाहिये। प्रशिक्षार्थियों को प्रशिक्षण के समयानुसार
छात्रवृत्ति भी दी जाती है।
3) मौलाना आजाद एजुकेशन फाईनेन्स फाउन्डेशन योजनाः- इस योजना के अन्र्तगत
उत्तराखण्ड राज्य के गरीब अल्पसंख्यक छात्र/छात्राओं को व्यवसायिक शिक्षा हेतु
व्याज मुक्त ऋण अधिकतम रू0 5.00 लाख दिये जाने का प्राविधान किया गया है, जिसकी
वापसी सेवा नियोजित होने या शिक्षा पूर्ण होने के 6 माह के उपरान्त से अगले तीन
वर्षो में (36 किस्तों में)की जायेगी। पात्रता - अभ्यार्थी 12वी उत्र्तीण हो,आयु
सीमा 18-35 वर्ष होनी चाहिए, परिवार की आय रू0 1.00 लाख से अधिक न हो।
ब) राष्ट्रीय अल्पसंख्यक विकास एवं वित्त निगम की योजनाएं:-
1. सावधिक ऋण योजना (टर्मलोन योजना):- सावधिक ऋण योजना के अन्तर्गत रु0 20 लाख तक
की परियोजना लागत पर विचार किया जाता है। परियोजना लागत का 90 प्रतिशत राष्ट्रीय
निगम ऋणांश, 5 प्रतिशत राज्य निगम ऋणांश तथा शेष 5 प्रतिशत लाभार्थी द्वारा वहन किया
जाता है। राष्ट्रीय निगम के ऋणांश पर ब्याज की दर 6 प्रतिशत और राज्य निगम के द्वारा
दिये जाने वाले ऋणांश की ब्याज दर 7 प्रतिशत है।
गैर सरकारी संगठनों के माध्यम से लागू योजनाएं:-
इस योजना के अन्तर्गत शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्रों में गैर सरकारी संगठनों के माध्यम
से ऋण उपलब्ध कराया जाता है। इसमें महिलाओं को प्राथमिकता दी जाती है।
लघु ऋण योजना:- राष्ट्रीय निगम इस योजना में चयनित और प्रमाणित स्वयंसेवी संस्थाओं
तथा स्वयं सहायता समूह के माध्यम से अल्पसंख्यक वर्ग के ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्र
के गरीब लोगों को लघु वित्त ऋण उपलब्ध कराया जाता है। इसमें पहले लाभार्थी को स्वयं
सहायता समूह गठित करना पडता है और प्रभावी बचत की नियति डालनी पडती है। लघु ऋण योजना
के अन्र्तगत प्रत्येक लाभार्थी को अधिकतम रू0 1,00,000/-तक का ऋण दिया जाता है।
जिसमें परियोजना लागत का 90 प्रतिशत राष्ट्रीय निगम ऋणांश, 5 प्रतिशत राज्य निगम
ऋणांश तथा शेष 5 प्रतिशत लाभार्थी द्वारा वहन किया जाता है।
वोकेशनलट्रेनिंग (व्यवसायिक प्रशिक्षण):-
अल्पसंख्यक समुदाय के व्यक्तियों को उनकी
दक्षता बढ़ाने हेतु कौशल वृद्धि प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। योजना के अन्तर्गत
स्थानीय प्रतिष्ठित प्रशिक्षण संस्थान के माध्यम से व्यवसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रम
का आयोजन किया जाता है। इस प्रशिक्षण की अवधि 6 माह से एक वर्ष तक होती है। अनुदान
के रूप में प्रशिक्षण का( 90 प्रतिशत व्यय राष्ट्रीय निगम तथा 10 प्रतिशत राज्य
निगम द्वारा ) रू0 2,000 प्रति छात्र वहन किया जाता है तथा प्रति प्रशिक्षार्थी रू0
1,000/- प्रति माह राष्ट्रीय निगम द्वारा छात्रवृत्ति दी जाती है। प्रशिक्षण
संस्थाओं के प्रस्ताव राज्य के माध्यम से स्वीकृति उपरान्त राष्ट्रीय निगम को
प्रेषित किये जाते हैं।प्रशिक्षण दायी संस्थाओं से न्यूनतम 70 प्रतिशत प्लेसमेन्ट
की शर्त निर्धारित है।
शिक्षा ऋण योजना:-
गरीबी रेखा से दुगुनी आय के अल्पसंख्यक समुदाय के छात्रों को
राष्ट्रीय निगम के माध्यम से विभिन्न व्यवसायिक शिक्षा हेतु 3 प्रतिशत वार्षिक
ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराता है। जिसमें प्रति वर्ष रू0 3,00,000/- या अलग-अलग
कोर्स की दर से व 5 वर्ष की व्यवसायिक शिक्षा हेतु अधिक से अधिक रू0 15,00,000 लाख
तक का ऋण उपलब्ध कराता जाता है। स्वीकृत ऋण लागत का 90 प्रतिशत राष्ट्रीय निगम
ऋणांश, 5 प्रतिशत राज्य निगम ऋणांश तथा शेष 5 प्रतिशत लाभार्थी द्वारा वहन किया जाता
है।