माननीय अल्पसंख्यक आयेाग द्वारा उत्तराखण्ड में विगत वर्षो में आयोजित किये गये विश्व अल्पसंख्यक अधिकार दिवस कार्यक्रमों का संक्षिप्त विवरण

श्री नरेन्द्रजीत सिंह बिन्द्रा, मा0 अध्यक्ष उत्तराखण्ड अल्पसंख्यक आयोग की अध्यक्षता में पिछले पाँच वर्षो से 18, दिसम्बर को "विश्व अल्पसंख्यक अधिकार दिवस" के रूप में राज्य स्तर पर आयोजित किया जा रहा है। जिसका शुभारम्भ मा0 मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड सरकार के निर्देशों एवं आदेशों के क्रम में किया जाता है।

वर्ष 2013 में उत्तराखण्ड अल्पसंख्यक आयोग द्वारा अल्पसंख्यक मंत्रालय उत्तराखण्ड के सहयोग से 18, दिसम्बर, 2013 का आयोजन पी.टी0 सेमीनरी ऑडिटोरियम 51-सी, राजपुर  रोड़ देहरादून में महामहिम राज्यपाल उत्तराखण्ड एवं मा0 मुख्यमंत् जी उत्तराखण् के कर कमलों से शुभारम्भ  किया गया। जिसमें ले0 जनरल जमीरउद्दीन  शाह उप  कुलपति,  अलीगढ़  मुस्लिम  विश्वविद्यालय,  डा0  जसपाल  सिंह,  उप  कुलपति,  पंजाब  विश्वविद्यालय,  डा0  मैथ्यू प्रसाद,  उप  कुलपति,  उत्तराखण्ड  हाल्टीकल्चर  विश्वविद्यालय,  डा0  नीलम  जैन,  जैन  विदुषी द्वारा सहभागिता करते हुए "अल्पसंख्यकों की उपलब्धियां एवं चुनौतिय" शीर्षक  पर  अपने विचार  व्यक्त  किये गये। उसके पश्चात् पद्मश्री डा0  टॉम ऑल्टर  एवं डा0  सईद  आलम, के निर्देशन में "मौलाना अब्दुल  कलाम  आजा़द" नाटक  का मंचन  किया गया।

वर्ष 2014 में मा0 अल्पंसख्यक आयेाग द्वारा कार्यक्रम का शुभारम्भ मा0 मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड के निर्दशों के क्रम में किया गया, जिसमें रेव0 प्रो0 वालसन थम्पू, प्रधानाचार्य सेन्ट सिटफन्स काॅलेज दिल्ली, श्री जंग बहादुर सिंह राणा, कृषि उद्यमी, श्री सईद एम0 शेरवानी व्यवसायी, श्री जे0सी जैन उद्योगपति एवं शिक्षाविद, डाॅ0 पूनम सिन्हा, मण्डलीय निदेशक निजबड़, श्री प्रवीण डाबर एवं डाॅ0 अजायब सिंह मा0 सदस्य राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग, श्री वजाहत हबीबुल्ला मा0 पूर्व अध्यक्ष राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयेाग भारत सरकार द्वारा "अल्पसंख्यक एवं मुख्यधारा- एक समग्र दृष्टिकोण" शीर्षक पर विचार व्यक्त किये गये।

वर्ष 2015 में मा0 अल्पसंख्यक आयोग द्वारा उक्त कार्यक्रम का आयोजन राज्य स्तर पर किया गया, जिसमें ख्याति प्राप्ति अल्पसंख्यको /अन्य वर्गों के व्यक्तियों को अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों से मिलाया गया, जिससे वे पे्ररित हो कर अपना लक्ष्य निर्धारित कर सके। कार्यक्रम में श्री नसीम अहमद, अध्यक्ष, राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग नई दिल्ली, डाॅ0 अभिषेक मनु सिंघवी, संसदीय सदस्य, श्री परसीवल बिल्लीमोर्या, वरिष्ठ अधिवक्ता, डाॅ0 पी0एस0 पसरीचा (आई0पी0एस) पूर्व डी0जी0पी0 महाराष्ट्र द्वारा कार्यक्रम में प्रतिभाग करते हुए "अल्पसंख्यक अधिकार- अनुभव एवं आशंकाये" शीर्षक पर अपने विचार व्यक्त किये गये।

वर्ष 2016 में उत्तराखण्ड अल्पसंख्यक आयेाग द्वारा उत्तराखण्ड पुलिस विभाग के सहयोग से "अल्पसंख्यक अधिकार दिवस को "अल्पसंख्यक जनचेतना कार्यक्रम" के रूप में मनाया गया। मा0 मुख्यमंत्री जी के निर्देशों के क्रम में अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय, के सहयोग से 18, दिसम्बर, 2016 को विश्व अल्पसंख्यक अधिकार दिवस के अवसर पर प्रदेश के समस्त पुलिस थानों में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसका उद्देश्य अल्पसंख्यक समुदाय की समस्याओं का निराकरण, उत्थान, शिक्षा एवं समाज में उनकी सहभागिता एवं अल्पसंख्यकों के सम्बन्ध में प्रचलित कानून/नियम आदि विषयों पर विचार विमर्श किया जाना था। कार्यक्रम में मा0 मुख्यमंत्री जी द्वारा राज्य के चार बडे़ जिलों (जनपद देहरादून के डालनवाला कोतवाली मे, जनपद हरिद्वार के ज्वालापुर कोतवाली में, जनपद ऊधमसिंह नगर के रूद्रपुर कोतवाली में जनपद नैनीताल के हल्द्वानी कोतवाली मे) वीडियो कान्फ्रेन्सिंग के माध्यम से तथा अन्य थानों में दूरभाष के माध्यम से वार्ता की गयी।

इस वर्ष भी 18, दिसम्बर, 2017 को अल्पसंख्यक अधिकार दिवस प्रतिवर्ष की भांति पी0टी0सेमीनरी ऑडिटोरियम,  51, सी-राजपुर रोड़ देहरादून में किया जा रहा है। जिसका शीर्षक "उत्तराखण्ड के विकास में अल्पसंख्यक युवाओं का योगदान एवं उनकी अपेक्षाये" है। अल्पसंख्यक समुदाय की युवा महिलाओं जिन्होंने विभिन्न क्षेत्रों मेंउपलब्धियां हासिल कर अपने मुकाम तक पहुँची है, उनके द्वारा अपने अनुभव व अपने कुशल कार्य क्षेत्र के सम्बन्ध में पे्ररणादायक सम्बोधन किया जायेगा।

  मा0 आयोग की उपलब्धियां / सुझाव

1- आयोग की सिफारिश पर उतराखण्ड अल्पसंख्यक कल्याण तथा वक्फ विकास निगम द्वारा संचालित स्वरोजगार योजना के अन्तर्गत आय पात्रता मानदण्ड  का पुनरीक्षण कर लाभार्थियों की आय 1.00 लाख थी,  जिसमं मा0 आयोग के प्रयासों से आय सीमा बढ़ाकर वार्षिक आय 2.50 लाख की गयी

2- आयोग की सिफारिश पर राज्य के चार अल्पसंख्यक बाहुल्य जनपदों देहरादून, हरिद्वार , नैनीताल, ऊधमसिंह नगर में जिला अल्पसंख्यक कल्याण कार्यालय की स्थापना करायी गयी, तथा अन्य जनपदों में भी जनगणना के आकडो़ के आधार पर अल्पसंख्यक कल्याण विभाग स्थापित करने की सिफारिश की गयी है।

3- मुस्लिम समुदाय के कब्रिस्तान एवं ईसाई समुदाय के कब्रिस्तान(सीमेट्री) में अवैध रूप से कब्जों को दृष्टिगत रखते हुए मा0 मुख्यमंत्री जी से कब्रिस्तानों की चाहरदीवारी हेतु अनुरोध किया गया। मा0 मुख्यमंत्री जी द्वारा प्रदेश के समस्त मुस्लिम एवं ईसाई समुदाय के कब्रिस्तानों की सुरक्षा के लिये चाहरदीवारी हेतु शासनादेश जारी किया गया।

4- अल्पसंख्यकों में जागरूकता लाने हेतु 18, दिसम्बर, को विश्व अल्पसंख्यक अधिकार दिवस पर एक सेमीनार का आयोजन किया जाता है, जिसमें ख्याति प्राप्त अल्पसंख्यकों/अन्य वर्गो के व्यक्तियों को अल्पसंख्यक समुदाय के व्यक्तियों से मिलाया जाता है, जिससे वे प्रेरित हो कर अपना लक्ष्य निर्धारित करें। उक्त कार्यक्रम में विभागीय स्टॉल भी लगाये जाते है। जिससे अल्पसंख्यक, विभागीय योजनाओं की जानकारी प्राप्त कर सके।

5- गत वर्ष 18, दिसम्बर, 2016 ‘में प्रदेश के समस्त थानो मे विश्व अल्पसंख्यक अधिकार दिवस मनाया जाना प्रारम्भ किया गया।

6- राज्य के समस्त अल्पसंख्यकों को अल्पसंख्यक प्रमाण पत्र बनाने में परेशानी न हो, इसके लिए आयोग द्वारा राज्य सरकार से सिफारिश की गयी और सरकार द्वारा अल्पसंख्यकों को अल्पसंख्यक प्रमाण पत्र जारी करने हेतु शासनादेश जारी किया किया।

7- मदरसा बोर्ड को प्रभावशाली बनाने हेतु एक्ट तैयार करने में विशेष प्रयास किया गया।

8-मुख्यमंत्री मेधावी बालिका प्रोत्साहन योजना में अधिकत्तम रू0 25000/- का अनुदान प्रदान कराये जाने का मा0 आयोग द्वारा शासनादेश जारी कराया गया।

9- शैक्षणिक संस्थानों को अल्पसंख्यक संस्था घोषित करने हेतु मा0 आयोग द्वारा संविधान में प्रदत्त अधिकारों के अधीन कार्यवाही की गयी।

10- डी0ओ0पी0टी0 में चयन कमेठी का सदस्य एस0टी0, एस0सी0, ओ0बी0सी0, महिला के साथ एक सदस्य अल्पसंख्यक समुदाय का होने की भी सिफारिश की गयी है।

11- मौलाना आजाद एजुकेशन फाईनेन्स फाउन्डेशन योजना प्रदान करायी गयी। जिसमें छात्र-छात्राओं को अधिकतम 5.00 लाख ब्याज मुक्त का प्राविधान है।
 


  अल्पसंख्यक वर्ग के लिए कल्याणकारी योजनाएं:-


राज्य सेक्टर की योजनाएं:-

1. अल्पसंख्यक कक्षा 1 से 10 तक की छात्रवृति (राज्य पोषित) :-

राज्य पोषित छात्रवृति योजना में पारर्दशिता एवं पात्र छात्र/छात्राओं को छात्रवृति की धनराशि सीधे खाते में उपलब्ध कराये जाने हेतु छात्रवृति योजना का संचालन एन.आई.सी के माध्यम से तैयार साफ्टवेयर द्वारा पूर्णतः ऑनलाईन किया गया है। योजना का लाभ प्राप्त किये जाने हेतु अभिभावक की आय गरीबी की रेखा से दुगुनी आय से अधिक नहीं होनी चाहिए।

2. मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक प्रोत्साहन योजना :-
उत्तराखण्ड के अल्पसंख्यक वर्ग के विद्यार्थियो के लिए सरकारी नौकरी की प्रतियोगी परीक्षाओं (संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा तथा उत्तराखंड लोक सेवा आयोग की राज्य एवं अधीनस्थ संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा, उच्च न्यायायिक सेवा, प्रान्तीय न्यायायिक सिविल सेवा) की तैयारी तथा राष्ट्रीय स्तर के संस्थानों (आई.आई.टी, आई.आई.एम, एम्स, आई.आई.एस., आई.आई.एस.ए.आर, एम.सी.आई, एन.आई.टी, बी.सी.आई) की प्रवेश परीक्षाओं के माध्यम से प्रवेश लेने हेतु प्रोत्साहन के रूप में अधिकत्तम रू0 75,000/- की राशि उपलब्ध करायी जाती है।

3. संत केशर सिंह सहायता स्मृति कोष :-  प्रदेश में राय सिख समाज के निर्धन एवं मेधावी छात्र एवं छात्राओं को छात्रवृति प्रदान करने हेतु संत केशर सिंह स्मृति सहायता कोष की स्थापाना की गयी है। उक्त कोेष से रू0 2.00 करोड़ की धनराशि गुरू चांद ठाकुर स्मृति सहायता कोष की स्थापाना के लिये समाज कल्याण विभाग को हस्तान्तरित करने के उपरान्त सन्त सिंह कोष में रू0 3.00 करोड़ की धनराशि उपलब्ध है।

4. अल्पसंख्यक समुदाय के परिवारों की मेधावी छात्राओं की शिक्षा हेतु विशेष अनुदान :-
ऐसी बालिका जिन्होनें उत्तराखण्ड माध्यमिक शिक्षा बोर्ड/उत्तराखण्ड मदरसा बोर्ड की हाई स्कूल एवं इण्टरमीडिएट परीक्षा/मुन्शी, मौलवी तथा आलिम परीक्षा 60 प्रतिशत से अधिक अंक से उत्तीर्ण की है, उनको अधिकत्तम रू0 25000/- का अनुदान प्रदान किया जा रहा है।
 

परीक्षा का स्तर

60 प्रतिशत या अधिक प्राप्ताकों पर देय

(धनराशि रू0 में)

70 प्रतिशत या अधिक प्राप्ताकों पर देय

(धनराशि रू0 में)

80 प्रतिशत या अधिक प्राप्ताकों पर देय (धनराशि रू0 में)

हाई स्कूल या मुंशी या मौलवी

10000.00/-

15000.00/-

20000.00/-

इण्टरमीडिएट

15000.00/-

20000.00/-

25000.00/-



5. मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक मुस्लिम छात्राओं हेतु विशेष छात्रवृति प्रोत्साहन योजना :-
अल्पसंख्यक मुस्लिम छात्राओं को उच्च, तकनीकी एवं व्यवसायिक शिक्षा के लिए प्रोत्साहित किये जाने हेतु वर्तमान वित्तीय वर्ष से विशेष छात्रवृति प्रोत्साहन योजना लागू की जा रही है। इस हेतु वित्तीय वर्ष 2017-18 में रू0 50.00 लाख की धनराशि का प्राविधान किया गया है।

6. अल्पसंख्यक छात्राओं हेतु दशमोत्तर छात्रवृत्ति योजना :-
वर्तमान वित्तीय वर्ष से अल्पसंख्यक छात्राओं हेतु दशमोत्तर छात्रवृत्ति योजना भी संचालित की जा रही है। वित्तीय वर्ष 2016-17 में रू0 100.00 लाख की धनराशि का प्राविधान किया गया है।

2. केन्द्रपोषित योजनाएं :-

1. प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना :-
कक्षा 1 से 10 तक अध्यनरत ऐसे छात्र-छात्राऐं जिनके अभिभावक की आय रू0 1.00 लाख तक है, उनको डे स्कॉलर के रूप में अधिकतम रू0 5000/- तथा हॉस्टलर के रूप में अधिकतम रू0 10000/- प्रतिवर्ष की छात्रवृत्ति ऑनलाइन डी0बी0टी0 के माध्यम से उपलब्ध कराई जा रही है।

2. पोस्ट-मैट्रिक  छात्रवृत्ति योजना :-
कक्षा 11 से पी.एच.डी स्तर तथा व्यवसायिक पाठ्यक्रमों में अध्ययनरत ऐसे छात्र-छात्राऐं जिनके अभिभावक की आय रू0 2.00 लाख तक है, उनकोडे स्कॉलर के रूप में अधिकतम रू0 12300/- तथा हॉस्टलर  के रूप में अधिकतम रू0 13800/- प्रतिवर्ष की  छात्रवृत्ति ऑनलाइन डी0बी0टी0 के माध्यम से उपलब्ध कराई जा रही है।

3. मैरिट-कम-मिन्स छात्रवृत्ति योजना :-
तकनीकी पाठ्यक्रमों में अध्ययनरत ऐसे छात्र-छात्राएं जिनके अभिभावक की आय रू0 2.50 लाख तक है, उनको डे स्कॉलर के रूप में अधिकतम रू0 25000/- तथा हॉस्टलर के रूप में अधिकतम रू0 30000/- प्रतिवर्ष की छात्रवृत्ति्ति ऑनलाइन  डी0बी0टी0 के माध्यम से उपलब्ध कराई जा रही है। भारत सरकार के आई0आई0टी0, आई0आई0एम0, एन0आई0टी0 आदि संस्थानों में शत-प्रतिशत शिक्षण शुल्क की छात्रवृत्ति उपलब्ध कराई जाती है।

4. अरबी फारसी मदरसों का आधुनिकीकरण (100प्र.के.स.) (SPQEM) :-
मदरसों में दीनी तालीम के साथ ही आधुनिक शिक्षा प्रदान किये जाने हेतु एस.पी.क्यू.ई.एम. योजना के अन्तर्गत गणित, विज्ञान, अंग्रेजी एवं हिन्दी आदि के अध्यापक रखे जाने हेतु स्नातक, को रू0 6000/- परास्नातक एवं बी.एड. को रू0 12,000/- प्रतिमाह की दर से भारत सरकार द्वारा मानदेय उपलब्ध कराया जा रहा है। उक्त मानदेय का भुगतान अध्यापकों को आॅनलाईन किया जा रहा है।

उत्तराखण्ड अल्पसंख्यक कल्याण तथा वक्फ विकास निगम से संबंधित योजनाएं :-

लक्षित समूह :-
अल्पसंख्यकों में मुस्लिम, ईसाई, सिख, बौद्ध ,पारसी एवं जैन समुदाय सम्मिलित हैं। इन समुदायों के वे परिवार जिनकी वार्षिक आय शहरी क्षेत्र में रू0 1,03,000/- तथा ग्रामीण क्षेत्र में रु0 81,000/- से कम हों को राष्ट्रीय अल्पसंख्यक विकास निगम की योजनाओं एवं राज्य की स्वतः रोजगार योजना हेतु पात्र होंगे। मुख्यमंत्री हुनर प्रशिक्षण योजना में वार्षिक आय शहरी क्षेत्र में रू0 4,50,000/- तथा ग्रामीण क्षेत्र में रु0 3,50,000/- तक तथा मौलाना आजाद एजुकेशन फाईनेन्स फाउन्डेशन योजना हेतु वार्षिक आय रू0 1,00,000/- मान्य है।

वित्तीय सहायता योजना :-
अल्पसंख्यक कल्याण तथा वक्फ विकास निगम अल्पसंख्यकों को दो प्रकार की योजनाओं के माध्यम से स्वतः रोजगार हेतु ऋण उपलब्ध कराता है। प्रथमतः अल्पसंख्यक कल्याण तथा वक्फ विकास निगम राज्य सरकार के माध्यम से अल्पसंख्यक स्वरोजगार योजना संचालित करता है। द्वितीय राष्ट्रीय अल्पसंख्यक विकास एवं वित्त निगम से सावधी ऋण योजना के अन्र्तगत ऋण प्राप्त कर लाभार्थियों को ऋण उपलब्ध कराता है।

अ) राज्य निगम की योजनायें :-

1) अल्पसंख्यक स्वरोजगार योजना :- इस योजना के अन्र्तगत रू0 20 हजार से रू0 10.00 लाख तक की योजना राष्ट्रीयकृत बैकों/सहकारी बैंकों/ग्रामीण बैंकों के माध्यम से दिया जायेगा। जिसमें योजना का 60 प्रतिशत बैंक ऋण व 25 प्रतिशत अनुदान निगम द्वारा दिया जाता है, शेष 15 प्रतिशत लाभार्थी द्वारा स्वयं वहन किया जाता है। समस्त योजना का चयन जिला स्तर पर चयन समिति के माध्यम से किया जाता है। योजना हेतु पात्र अभ्यार्थी की उम्र 18 वर्ष से 55 वर्ष के मध्य होनी चाहिये। अनुदान की राशि बैंक इन्डेंट होगी। पूर्व में लाभार्थियों की आय 1.00 लाख थी ,जिसमें मा0 आयेाग के प्रयासों से आय सीमा बढ़ाकर वार्षिक आय 2.50 लाख की गयी।

2) मुख्यमंत्री हुनर योजना :- इस योजनाओं के अन्तर्गत प्रशिक्षण प्राप्त करने हेतु प्रशिक्षार्थियों को अल्पसंख्यक समुदाय से सम्बन्धित होना चाहिये। लाभार्थी की आयु 18-45 वर्ष होनी चाहिये। प्रशिक्षार्थी की शैक्षिक योग्यता पारम्परिक प्रशिक्षण हेतु कम से कम पांचवी/साक्षर होना चाहिये। प्रार्थी की शिक्षा राजकीय स्कूलों से हुई हो अथवा मदरसों से दोनों मान्य होगीं। जबकि सूचना प्रौद्योगिकी के व्यवसायों के प्रशिक्षण हेतु शैक्षिक योग्यता कम से कम हाईस्कूल उत्तीर्ण होना चाहिये। प्रार्थी की परिवार की वार्षिक आय ग्रामीण क्षेत्र में रू0 3,50,000/- एंव शहरी क्षेत्र में रू0 4,50,000/- तक होनी चाहिये। प्रार्थी उत्तराखण्ड का स्थायी निवासी होना चाहिये। प्रशिक्षार्थियों को प्रशिक्षण के समयानुसार छात्रवृति भी दी जाती है।

3) मौलाना आजाद एजुकेशन फाईनेन्स फाउन्डेशन योजना :- इस योजना के अन्र्तगत उत्तराखण्ड राज्य के गरीब अल्पसंख्यक छात्र/छात्राओं को व्यवसायिक शिक्षा हेतु व्याज मुक्त ऋण अधिकतम रू0 5.00 लाख दिये जाने का प्राविधान किया गया है।जिसकी वापसी सेवा नियोजित होने या शिक्षा पूर्ण होने 6 माह के उपरान्त से अगले तीन वर्षो में की जायेगी। पात्रता अभ्यार्थी 12वी उत्र्तीण हो,आयु सीमा 18-35 वर्ष होनी चाहिए, परिवार की आय रू0 1.00 लाख से अधिक न हो।

ब) राष्ट्रीय अल्पसंख्यक विकास एवं वित्त निगम की योजनाएं :-

1. सावधिक ऋण योजना (टर्मलोन योजना) :- सावधिक ऋण योजना के अन्तर्गत रु0 20 लाख तक की परियोजना लागत पर विचार किया जाता है। परियोजना लागत का 90 प्रतिशत राष्ट्रीय निगम ऋणांश, 5 प्रतिशत राज्य निगम ऋणांश तथा शेष 5 प्रतिशत लाभार्थी द्वारा वहन किया जाता है। राष्ट्रीय निगम के ऋणांश पर ब्याज की दर 6 प्रतिशत और राज्य निगम के द्वारा दिये जाने वाले ऋणांश की ब्याज दर 7 प्रतिशत है।

गैर सरकारी संगठनों के माध्यम से लागू योजनाएं :-
इस योजना के अन्तर्गत शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्रों में गैर सरकारी संगठनों के माध्यम से ऋण उपलब्ध कराया जाता है। इसमें महिलाओं को प्राथमिकता दी जाती है।

लघु ऋण योजना :-
राष्ट्रीय निगम इस योजना में चयनित और प्रमाणित स्वयंसेवी संस्थाओं तथा स्वयं सहायता समूह के माध्यम से अल्पसंख्यक वर्ग के ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्र के गरीबों में गरीब लोगों को लघु वित्त ऋण उपलब्ध कराया जाता है। इसमें पहले लाभार्थी को स्वयं सहायता समूह गठित करना पडता है और प्रभावी बचत की नियति डालनी पडती है। लघु ऋण योजना के अन्र्तगत प्रत्येक लाभार्थी को अधिकतम रू0 1,00,000/-तक का ऋण दिया जाता है। जिसमें परियोजना लागत का 90 प्रतिशत राष्ट्रीय निगम ऋणांश, 5 प्रतिशत राज्य निगम ऋणांश तथा शेष 5 प्रतिशत लाभार्थी द्वारा वहन किया जाता है।

वोकेशनल ट्रेनिंग (व्यवसायिक प्रशिक्षण) :-
अल्पसंख्यक समुदाय के व्यक्तियों को उनकी दक्षता बढ़ाने हेतु कौशल वृद्धि प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। योजना के अन्तर्गत स्थानीय प्रतिष्ठित प्रशिक्षण संस्थान के माध्यम से व्यवसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। इस प्रशिक्षण की अवधि 6 माह से एक वर्ष तक होती है। अनुदान के रूप में प्रशिक्षण का( 90 प्रतिशत व्यय राष्ट्रीय निगम तथा 10 प्रतिशत राज्य निगम द्वारा ) रू0 2,000/- प्रति छात्र वहन किया जाता है तथा प्रति प्रशिक्षार्थी रू0 1,000/- प्रति माह राष्ट्रीय निगम द्वारा छात्रवृत्ति दी जाती है। प्रशिक्षण संस्थाओं के प्रस्ताव राज्य के माध्यम से स्वीकृति उपरान्त राष्ट्रीय निगम को प्रेषित किये जाते हैं।प्रशिक्षण दायी संस्थाओं से न्यूनतम 70 प्रतिशत प्लेसमेन्ट की शर्त निर्धारित है।

शिक्षा ऋण योजना :-
गरीबी रेखा से दुगुनी आय के अल्पसंख्यक समुदाय के छात्रों को राष्ट्रीय निगम के माध्यम से विभिन्न व्यवसायिक शिक्षा हेतु 3 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराता है। जिसमें प्रति वर्ष रू0 3,00,000/- या अलग-अलग कोर्स की दर से व 5 वर्ष की व्यवसायिक शिक्षा हेतु अधिक से अधिक रू0 15,00,000/- लाख तक का ऋण उपलब्ध कराता जाता है। स्वीकृत ऋण लागत का 90 प्रतिशत राष्ट्रीय निगम ऋणांश, 5 प्रतिशत राज्य निगम ऋणांश तथा शेष 5 प्रतिशत लाभार्थी द्वारा वहन किया जाता है।
 


 
 
 

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